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2026 जैन कैलेंडर: जैन धर्म के पर्व की पूरी सूची!

Author: Vijay Pathak | Last Updated: Wed 5 Nov 2025 3:59:15 PM

एस्ट्रोकैंप का यह विशेष आर्टिकल 2026 जैन कैलेंडर खासकर इन पाठकों के लिए तैयार किया गया है, जो जैन धर्म के व्रतों और पर्वों की तिथियों को पहले से जानकर अपनी धार्मिक योजना बनाना चाहते हैं। इस लेख के माध्यम से आपको साल 2026 में मनाए जाने वाले जैन धर्म के प्रमुख त्योहारों, उपवासों और पर्वों की विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इसमें 2026 के जैन अवकाशों की संपूर्ण सूची भी दी गई है, जिससे श्रद्धालु अपने पर्वों की तैयारी सही समय पर और श्रद्धा से कर सकें। यह कैलेंडर आपके धार्मिक जीवन को और भी सुव्यवस्थित और अर्थपूर्ण बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

Jain Calendar

Read in English: 2026 Jain Calendar 

तो चलिए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और डालते हैं एक नज़र 2026 जैन कैलेंडर की सूची पर एक नज़र।

जैन अवकाशों एवं पर्वों की सूची

जनवरी 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

15 जनवरी 2026

शीतलनाथ जन्म तप

16 जनवरी 2026

मेरु त्रयोदशी, आदिनाथ निर्वाण कल्याणक

17 जनवरी 2026

ऋषभदेव मोक्ष

22 जनवरी 2026

दशलक्षण पर्व (3/3) प्रारंभ

25 जनवरी 2026

मर्यादा महोत्सव

31 जनवरी 2026

श्री जितेन्द्र रथ यात्रा, दशलक्षण पर्व (3/3) समाप्त

2026 जैन कैलेंडर: फरवरी

तिथि

पर्व

24 फरवरी 2026

अष्टान्हिका (3/3) प्रारंभ

मार्च 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

30 मार्च 2026

महावीर जयंती

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अप्रैल 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

01 अप्रैल 2026

चैत्र नवपद ओली समाप्त

19 अप्रैल 2026

वर्षीतप पारणा

20 अप्रैल 2026

रोहिणी व्रत

25 अप्रैल 2026

महावीर स्वामी केवल ज्ञान

मई 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

17 मई 2026

रोहिणी व्रत

जून 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

14 जून 2026

रोहिणी व्रत

जुलाई 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

11 जुलाई 2026

रोहिणी व्रत

20 जुलाई 2026

आषाढ़ अष्टान्हिका प्रारंभ

27 जुलाई 2026

आषाढ़ चौमासी चौदस

28 जुलाई 2026

आषाढ़ अष्टान्हिका समाप्त

अगस्त

तिथि

पर्व

07 अगस्त 2026

रोहिणी व्रत

सितंबर 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

4 सितंबर 2026

रोहिणी व्रत

8 सितंबर 2026

पर्युषण पर्वारंभ

15 सितंबर 2026

संवत्सरी पर्व

अक्टूबर

तिथि

पर्व

01 अक्टूबर 2026

रोहिणी व्रत

17 अक्टूबर 2026

अश्विन नवपद ओली प्रारंभ

25 अक्टूबर 2026

अश्विन नवपद ओली समाप्त

28 अक्टूबर 2026

रोहिणी व्रत

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नवंबर 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

08 नवंबर 2026

लक्ष्मी पूजा

09 नवंबर 2026

गुजराती नववर्ष

14 नवंबर 2026

लाभ पंचमी

16 नवंबर 2026

कार्तिक अष्टान्हिका प्रारंभ

23 नवंबर 2026

कार्तिक अष्टान्हिका समाप्त, कार्तिक चौमासी चौदस, कार्तिक रथ यात्रा

24 नवंबर 2026

रोहिणी व्रत

दिसंबर 2026 में जैन पर्व एवं अवकाश

तिथि

पर्व

22 दिसंबर 2026

रोहिणी व्रत

2026 जैन कैलेंडर का महत्व

जैन कैलेंडर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह न केवल त्योहारों और व्रतों की सही तिथियां बताता है, बल्कि धार्मिक जीवन को अनुशासित और संतुलित बनाने में भी सहायक है। जैन कैलेंडर वर्ष भर में आने वाले प्रमुख पर्वों, व्रतों (जैसे पर्युषण, संवत्सरी, नवपद ओली, अष्टान्हिका) की जानकारी देता है, जिससे श्रद्धालु पहले से तैयारी कर पाते हैं और पूरे नियम व संयम के साथ धर्म पालन कर सकते हैं। इस कैलेंडर की सहायता से जैन अनुयायी अपने तप, उपवास और धार्मिक अनुष्ठानों की योजना बना पाते हैं। इससे धार्मिक साधना व्यवस्थित ढंग से होती है। जैन धर्म में संयम, अहिंसा और आत्मशुद्धि का बहुत अधिक महत्व है। 

यह कैलेंडर इन मूल्यों को अपनाने के लिए समय-समय पर प्रेरित करता है, जिससे व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ता है। इसमें दिए गए पर्वों जैसे महावीर जयंती, समवसरण स्थापना, पारण दिवस आदि अवसरों पर पूरे समाज एक साथ आता है, जिससे आपसी एकता, सद्भाव और सहयोग की भावना बढ़ती है। इसके अलावा, इस कैलेंडर की सहायता से लोग अपनी छुट्टियां, धार्मिक यात्राएं, दान-पुण्य आदि योजना भी बना सकते हैं। विशेषता बच्चों को धार्मिक संस्कार देने के लिए यह एक अच्छा माध्यम है। बता दें कि वर्ष 2026 में पड़ने वाले जैन धर्म के पर्वों और अवकाशों की तिथि पारंपरिक चंद्र सौर कैलेंडर की गणना करके निर्धारित की गई है।

2026 जैन कैलेंडर: महत्वपूर्ण त्योहार

जैन कैलेंडर के महत्वपूर्ण त्योहार जैन धर्म के धार्मिक, आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को दर्शाते हैं।ये सभी त्योहार आत्मशुद्धि, तप, त्याग और सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। आइए जानते हैं जैन धर्म के प्रमुख त्योहार कौन-कौन से हैं।

  • महावीर जयंती (यह भगवान महावीर स्वामी (24वें तीर्थंकर) का जन्मदिन है।) 
  • पर्युषण पर्व (आत्मशुद्धि और आत्मसंयम का पर्व। यह श्वेतांबर जैनों का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।)
  • भाद्रपद महीने में (अगस्त–सितंबर), 8 दिन तक चलता है।
  • दशलक्षण पर्व ( पर्युषण पर्व के तुरंत बाद शुरू होता है, 10 दिनों तक चलता है।)
  • क्षमावाणी (क्षमा दिवस)
  • अष्टानिका महापर्व (यह साल में तीन बार मनाया जाता है और आठ दिनों तक चलता है।)
  • दीपावली कार्तिक अमावस्या (अक्टूबर–नवंबर)
  • गणधर वंदन, क्षुल्लक दीक्षा, संयम दिवस आदि।

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जैन धर्म का कैलेंडर

जैन धर्म में वीर निर्वाण संवत या जैन पंचांग का उपयोग किया जाता है। यह एक चंद्र कैलेंडर है, जो भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण को आधार मानकर चलता है। यह कैलेंडर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण वर्ष (527 ईसा पूर्व) से शुरू हुआ माना जाता है।

 कुछ प्रमुख बातें

  • जैन कैलेंडर का आधार भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण है। इसलिए इसे वीर निर्वाण संवत कहा जाता है, जो 527 ईसा पूर्व से शुरू हुआ था।
  • यह कैलेंडर चंद्र मासों पर आधारित होता है, यानी हर माह की शुरुआत चंद्र स्थिति के अनुसार होती है। इससे यह हिंदू पंचांग से काफी मिलता-जुलता है।
  • जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व पर्युषण की तिथि हर साल बदलती है क्योंकि यह चंद्रमास के अनुसार निर्धारित होती है।
  • जैन पंचांग में शुक्ल पक्ष (उजाला पखवाड़ा) और कृष्ण पक्ष (अंधेरा पखवाड़ा) दोनों की तिथियां दी जाती है, जिससे व्रत और पर्वों की गणना सटीक की जाती है।
  • जैन पंचांग में पाँच कल्याणक दिवस विशेष महत्व रखते हैं – गर्भ, जन्म, दीक्षा, ज्ञान और मोक्ष। इन तिथियों को विशेष पूजा-पाठ और व्रत के साथ मनाया जाता है।
  • वीर निर्वाण संवत, विक्रम संवत से लगभग 470 वर्ष आगे चलता है। जैसे अगर विक्रम संवत 2082 चल रहा हो, तो वीर निर्वाण संवत 2552 होगा।
  • जैन कैलेंडर का उद्देश्य केवल तिथियां बताना नहीं है, बल्कि यह संयम, तपस्या, त्याग और आत्मशुद्धि की प्रेरणा देने वाला पंचांग है।

जैन पंचांग क्या है

जैन पंचांग को दो भागों में बांटा जाता है, जो इस प्रकार है:

  • उत्तरार्ध (चातुर्मास): यह वर्ष का दूसरा भाग होता है, जब जैन साधु-साध्वियां एक ही स्थान पर ठहरते हैं।
  • दक्षिणार्ध : जब वे विचरण करते हैं।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोकैंप के साथ। धन्यवाद !

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1- महावीर जयंती 2026 में कब है?

 साल 2026 में महावीर जयंती 30 मार्च को मनाई जाएगी। 

2- मई 2026 में कितने जैन धर्म के पर्व पड़ रहे हैं?

मई माह में एक पर्व पड़ रहा है। 17 मई 2026 को रोहिणी व्रत ।

3- जैन धर्म में कौन सी जाति आती है?

जैन धर्म एक धर्म है, कोई जाति नहीं

1- महावीर जयंती 2026 में कब है?

साल 2026 में महावीर जयंती 30 मार्च को मनाई जाएगी।

  1. मई 2026 में कितने जैन धर्म के पर्व पड़ रहे हैं?

मई माह में एक पर्व पड़ रहा है — 17 मई 2026 को रोहिणी व्रत।

  1. जैन धर्म में कौन सी जाति आती है?

जैन धर्म एक धर्म है, कोई जाति नहीं।

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